जबलपुर. कितना बुरा लगेगा यदि आपको आपके ही घर मंे दाखिल होने की फीस अदा करनी पड़े! पिछले न जाने कितने वर्षो से वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारियों को नेशनल पार्को के द्वार पर ऐसा ही बर्ताव झेलना पड़ रहा था, लेकिन अब अच्छी खबर यह है कि कर्मचारी ही नहीं, बल्कि उनके परिजन भी बगैर किसी फीस के राष्ट्रीय उद्यानों में प्रवेश कर सकेंगे। हां, इतना जरूर है कि उद्यान में अन्य सुविधाओं के लिए उन्हें कुछ रकम अदा करनी पड़ेगी। अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक द्वारा यह सौगात विभाग के 150 वर्ष पूरे होने के अवसर पर दी गई है।
सेवानिवृत्तों को भी तवज्जो
कान्हा, बांधवगढ़, पेंच में सैर-सपाटे की मंशा रखने वाले सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी निराश होने की जरूरत नहीं। भले ही वे अब महकमे में सेवाएं न दे रहे हों, लेकिन विभाग ने उन्हें वैसी ही तवज्जो दी है, जैसी कि सेवारत कर्मचारियों को। रिटायर्ड कर्मचारियों तथा उनके परिजनों को भी इस व्यवस्था मंे शामिल किया गया है।
रेस्ट हाउस में स्वागत है
वन विभाग के कर्मचारियों अधिकारियों के लिए पार्क में स्थित रेस्ट हाउस के दरवाजे भी खोल दिये गये हैं। हालांकि इसमें पूरी तरह से छूट नहीं दी गई है, लेकिन जो शुल्क अदा करनी होगी वह सामान्य पर्यटक की अपेक्षा बेहद कम होगी। कान्हा का उदाहरण लें तो 890 रुपए टैरिफ का एसी रूम सिर्फ 200 रुपए में उपलब्ध रहेगा। नॉन एसी के मामले में विभागीय कर्मचारियों को चार से लेकर 700 रुपए की जगह महज 100 रुपए ही अदा करने होंगे।

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