Thursday, 17 May 2012

मध्य प्रदेश के शिकारियों ने ली 25 बाघों को मारने की सुपारी!


मध्य प्रदेश के शिकारियों ने महाराष्ट्र के 25 बाघों को मारने की 40 लाख रुपये में सुपारी ली है। वन विभाग के अधिकारियों को मुखबिरों से मिली इस जानकारी के बाद चंद्रपुर के ताडोबा-अंधारी बाघ भ्रमण क्षेत्र में अलर्ट घोषित कर दिया गया है।

अपर प्रधान मुख्य वन-संरक्षक (पश्चिम महाराष्ट्र) ए.के. निगम का कहना है कि महाराष्ट्र के जंगलों में इस वक्त करीब 169 बाघ हैं। जिसमें से अधिकतर विदर्भ के टाइगर रिजर्व क्षेत्र में हैं। उन्होंने बताया कि पिछले महीने 26अप्रैल को तडोबा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शिकारी के ट्रैप (जाल) में फंसे दो बाघों में से एक ही मौत हो जाने के बाद से ही अलर्ट घोषित कर दिया गया है। बाघों का शिकार करने में शिकारी कामयाब न हो इसके लिए 15 जून तक सभी वन कर्मियों की छुट्टी रद्द कर दिये जाने की जानकारी मंत्रालय से जुड़े सूत्रों ने दी है।

अफवाहों का बाजार भी गर्म 

तडोबा टाइगर रिजर्व क्षेत्र में एक बाघ की 26 अप्रैल को मौत हो जाने की घटना के बाद से ही तडोबा-अंधारी टाइगर रिजर्व क्षेत्र में शिकारियों के सक्रिय होने की चर्चा जोरों पर है। इसके साथ ही यहां के गावों में तरह-तरह की अफवाहों भी उड़नी शुरू हो गई है। सोमवार को भी ऐसी ही एक घटना तब सामने आई, तब एक एनजीओ से जुड़े पर्यटकों ने वन विभाग के अधिकारियों को जंगल में दो संदिग्ध शिकारों को देखने की सूचना दी। कई घंटों की जांच पड़ताल के बाद पता चला कि जिसे पर्यटकों ने संदिग्ध शिकारी समझा था, वह चिमूर तहसिल के वागनगांव का पूर्व सरपंच कमलजीत सिंह था।

इसलिए होता है बाघों का अवैध शिकार 

सूत्रों का कहना है कि चीन में बाघ की हड्डियों से परंपरागत दवाएं बनाई जाती है। माना जाता है कि चीन में बाघों के विभिन्न अंगों की जबरदस्त मांग रहती है। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में बाघ की खाल की ऊंची कीमत मिलने की वजह से भी इसके शिकार की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।

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