ऊना (गुजरात). एशियाई सिंहों (शेर) के 'नाइट आउट' ने उमेदपुरा गांव में लोगों की नींद हराम कर दी। आठ शावकों सहित 11 शेर सोमवार रात गांव में घुस आए।
देवजीभाई व पोपटभाई के घरों में एक घंटे तक धमाचौकड़ी मचाई। इस घटना में दो लोग घायल भी हुए। एशियाई शेरों के इकलौते आवास गिर अभयारण्य से यह गांव सटा हुआ है। देवजी ने बताया कि शेरों के आने की सूचना के बाद परिजनों को पड़ोसी के घर भेज दिया था। शावक चारपाई पर चढ़े। रसोई में गए। छत तक भी जा पहुंचे।
एक शावक ने देवजीभाई की गाय का शिकार करने का प्रयास किया। इसे उन्होंने और उनके भाई ने विफल कर दिया। लेकिन घायल हो गए। शेरों का यह परिवार गिर अभयारण्य के फरेड़ा के वीडी वनक्षेत्र में रहता है। वन विभाग भी उनके गांव में घुसने की खबर पाकर मौके पर पहुंच गया था।
उमेदपुरा से लौटते समय ये शेर जादवभाई गढिय़ा के बगीचे में जा पहुंचे। वहां जादव अकेले थे। शेरों से बचने के लिए उन्हें 20 मिनट तक पेड़ पर रहना पड़ा।
देवजीभाई व पोपटभाई के घरों में एक घंटे तक धमाचौकड़ी मचाई। इस घटना में दो लोग घायल भी हुए। एशियाई शेरों के इकलौते आवास गिर अभयारण्य से यह गांव सटा हुआ है। देवजी ने बताया कि शेरों के आने की सूचना के बाद परिजनों को पड़ोसी के घर भेज दिया था। शावक चारपाई पर चढ़े। रसोई में गए। छत तक भी जा पहुंचे।
एक शावक ने देवजीभाई की गाय का शिकार करने का प्रयास किया। इसे उन्होंने और उनके भाई ने विफल कर दिया। लेकिन घायल हो गए। शेरों का यह परिवार गिर अभयारण्य के फरेड़ा के वीडी वनक्षेत्र में रहता है। वन विभाग भी उनके गांव में घुसने की खबर पाकर मौके पर पहुंच गया था।
उमेदपुरा से लौटते समय ये शेर जादवभाई गढिय़ा के बगीचे में जा पहुंचे। वहां जादव अकेले थे। शेरों से बचने के लिए उन्हें 20 मिनट तक पेड़ पर रहना पड़ा।

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