Monday, 21 June 2010

जुलाई में आएंगे सरिस्का में बाघ

जयपुर. रणथंभौर अभयारण्य से सरिस्का में बाघ शिफ्टिंग को वाइल्ड लाइफ इंस्टीटच्यूट ऑफ इंडिया ने मंजूरी दे दी है। इसके बाद इसकी तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जुलाई के पहले सप्ताह में दो बाघों को रणथंभौर अभयारण्य से हेलिकॉप्टर के जरिए सरिस्का शिफ्ट किया जाएगा। डब्ल्यूआईआई से मंजूरी के बिना पहले यह काम अटका हुआ था।

डब्ल्यूआईआई के प्रतिनिधि अभी राज्य के दौरे पर हैं और बाघ शिफ्टिंग के तकनीकी पहलुओं का जायजा ले रहे हैं। केंद्र के प्रतिनिधि ने भी वन विभाग के आला अधिकारियों के साथ बैठक की है। शिफ्टिंग की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद सेना भी हेलिकॉप्टर देने को तैयार हो जाएगी। केंद्र से मंजूरी नहीं मिलने से यह काम कई महीनों से अटका हुआ था। वन राज्य मंत्री रामलाल जाट ने बताया कि बाघ शिफ्टिंग पर केंद्र को रिपोर्ट सौंपने के बाद शिफ्टिंग की मंजूरी मिल गई है।

बाघों का कुनबा बढ़ाने की कवायद : सरिस्का में पहले भी दो बाघ शिफ्ट किए जा चुके हैं जिनमें से एक नर व एक मादा हैं। सरिस्का अभयारण्य में 2004 में बाघ पूरी तरह समाप्त हो गए थे। इसके बाद वहां पर बाहर से बाघों को लाकर उनकी संख्या बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं। पहले भेजे गए जोड़े से बाघों का कुनबा बढ़ाने में सफलता नहीं मिलने के बाद अब फिर एक बाघों के जोड़े को सरिस्का भेजने की तैयारी की जा रही है। रणथंभौर में बाघों की तादाद अपेक्षित सीमा से अधिक होने के कारण इनको सरिस्का शिफ्ट किया जाएगा

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