गणना से पहले वन क्षेत्र व आस-पास के वाटर हॉल की स्थिति और जल संग्रहण स्थानों के बारे में जानकारियां एकत्र की जा रही है। इसके बाद वन्य जीव गणना स्थल निर्धारित किए जाएंगे। उप वन संरक्षक दयासिंह दूलड़ ने बताया कि पूनम के चांद की चांदनी में वन्य जीवों की गिनती की जाएगी। इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। गणना का काम आने वाली पूर्णिमा के दिन वॉटरहॉल पर शाम पांच बजे से शुरू होकर अगले दिन शाम पांच बजे तक 24 घंटे के लिए चलेगा। माना जाता है कि 24 घंटे में एक बार वन्य प्राणी उस पानी वाली जगह पानी पीने जरूर आता है। 24 घंटे की लगातार मॉनीटरिंग के दौरान वाटर हॉल्स पर आने वाले प्रत्येक जीव की पहचान कर दिए गए फॉर्मेट में उनसे संबंधित जानकारी लिखी जाएगी। इस दौरान कुछ लोग वन क्षेत्रों के आसपास गांवों में जाकर भी वन्य जीवों की जानकारी लेंगे व रिकॉर्ड संधारित करेंगे। 5 रेंज में गिने जाएंगे वन्यजीव वन्य जीव गणना जिले की सभी पांच रेंजों में एक साथ की जाएगी। इनमें झुंझुनूं, नवलगढ़, उदयपुरवाटी, खेतड़ी व चिड़ावा रेंज के वन्य क्षेत्र में यह काम वनपाल और कैटल गार्ड और बेलदार मिलकर पूरा करेंगे। पूर्णिमा को ही क्यों पूर्णिमा को ही जनगणना करने के पीछे कारण है कि इस दिन पूरा चांद निकलता है जिसकी रोशनी में वन्य जीव को आसानी से पहचाना जा सकता है। |
Friday, 27 April 2012
चांद की रोशनी में गिने जाएंगे वन्य जीव
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