Thursday, 26 April 2012

पकड़ा गया बाघ, दुधवा नेशनल पार्क भेजा गया


लखनऊ. जंगल का चालाक शिकारी आखिरकार वन विभाग केझांसे में आ ही गया। ऑपरेशन सनराइज के तहत बाघ को रहमानखेड़ा में ट्रैंकुलाइज किया गया। बाघ पकड़े जाने की खबर पल भर में जंगल की आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई। बाघ को देखने केलिए उमड़े जन सैलाब को नियंत्रित करने में वन विभाग व पुलिस कर्मियों के पसीने छूट गए। बाघ पकड़ में आएगा, इसकी उम्मीद वन विभाग को भी नहीं थी, इसीलिए बाघ को जंगल से बाहर ले जाने में चार घंटे से अधिक का समय लगा। डीएफओ अशोक मिश्रा ने बताया कि बाघ दुधवा नेशनल पार्क भेज दिया गया है।

काकोरी के केंद्रीय उपोषण बागवानी संस्थान रहमान खेड़ा में सात जरवरी को पहली बार बाघ ने नीलगाय का शिकार कर अपनी आमद दर्ज कराई थी। वन विभाग ने अनमने ढ़ग से आपरेशन बाघ की शुरूआत की और तीन महीने से अधिक समय में काफी फजीहत झेलने के बाद बुधवार को अन्तत: बाघ को ट्रैंकुलाइज कर ही लिया। एक दिन पूर्व वन विभाग की टीम ने बदली रणनीति के तहत पड़वे के बजाय भैंस बांधी थी, उसी रात बाघ ने भैंस को मार कर करीब 25 किलो मांस चट कर गया। बुधवार सुबह तड़के पांच बजे लिए वन्य जीव विशेषज्ञ ट्रैंकुलाइजर गन के साथ हाथी पर बैठ कर शिकार के पास पहुंचे। बाघ शिकार के पास आराम से बैठा मांस का मजा ले रहा था। इस मौके को वन विभाग ने जाया नहीं किया। बेहद खामोशी के साथ मिशन बाघ को अंजाम तक पहुंचाने की तैयारी कर एसडीओ वी बी श्रीवास्तव ने रोड पर गाड़ियां खड़ी करवाकर वन कर्मियो द्वारा पहले से तैयार सफेद कपड़े का घेरा बनवाया। तीनों हथनियों को मोर्चा पर लगा दिया गया।

बाघ से दो-दो हाथ करने के इरादे से रूपकली पर सवार होकर डॉ. पी.पी. ने ट्रैकुंलाइजर गन से निशना लगा फायर कर दिया, निशाना चुक गया। दूसरी हथिनी गंगाकली को बाघ की ओर जाने का इशारा मिला। इससे पहले की विशेषज्ञ कुछ करते बाघ खुद ही गंगाकली की तरफ बढ़ने लगा। बाघ की इस हरकत से गंगाकली ने मैदान छोड़ दिया। एक बार फिर रूपकली ने मोर्चा संभाला और बाघ की तरफ बढ़ने लगी। इसी दौरान रूपकली पर बैठे उत्कर्ष शुक्ला ने बाघ पर निशाना लगाते हुए गन से फायर कर दिया। निशाना सही जगह पर लगा। गोली लगते ही बाघ तिलमीला गया उसकी हिम्मत जवाब दे गयी। बाघ शीशम के जंगल से बाहर जाने के लिए सड़क की तरफ जाने का प्रयास किया। बाघ की इस कदम का अंदेशा वन विभाग को पहले से ही था। इसीलिए गाड़ी में से बैठे एसडीओ वी बी श्रीवास्तव ने गाड़ी का हार्न बजाते हुए शोर मचाया। इस शोर से घबराये बाघ वापस शीशम वाले खेत की ओर बढ़ गया। बाघ चन्द कदम ही बढ़ पाया था कि बेहोश होकर गिर गया। इस पर महावत इरशाद ने डंडे से उसे छेड़ा तो गुर्राया थोड़ी देर में बेहोश हो चुका था। इसके बाद स्टेचर मंगवा कर बाघ को पिंजड़े में कैद कर एन्टी डाट दी गई।

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