Thursday, 23 August 2012

टाइगर रिजर्व : कोर एरिया में पर्यटन पर रोक बरकरार


सुप्रीम कोर्ट ने टाइगर रिजर्व के कोर एरिया में पर्यटन गतिविधियों पर लगाई गई रोक को हटाने से बुधवार को इनकार कर दिया। जस्टिस एके पटनायक और स्वतंत्र कुमार की बेंच ने बाघों की घटती संख्या पर कुछ सवाल भी उठाए। सरकार ने शीर्ष कोर्ट द्वारा 24 जुलाई को दिए रोक के आदेश पर पुनर्विचार की याचिका लगाई है। अगली सुनवाई 29 अगस्त को होगी। बेंच ने सरकारी वकील वसीम अहमद कादिरी से पूछा, 'आप बाघों को बचाने के लिए क्या करना चाहते हैं। पहले इनकी संख्या 13 हजार थी, अब 1200 रह गई है। आपको व्यावसायिक गतिविधियों की ज्यादा चिंता है।'

टाइगर रिजर्व में पर्यटन गतिविधियों पर रोक के आदेश के बाद दायर हलफनामे में सरकार ने बाघों के संरक्षण के मौजूदा दिशा निर्देशों की समीक्षा की अनुमति मांगी है। केंद्र ने इसमें राज्यों की चिंता का जिक्र किया है कि प्रतिबंध से स्थानीय लोगों की आजीविका प्रभावित होगी जो पर्यटन पर निर्भर हैं। ऐसी स्थिति में वन्य जीवों के लिए खतरा हो जाएगा।

पचमढ़ी संघर्ष समिति के सदस्य संजय लेडवाणी ने बताया कि पर्यटक पहले यहां हफ्तेभर तक रुकते थे, लेकिन अब एक-दो दिन में ही वापस लौट रहे हैं।

यहां प्रवेश बंद : धूपगढ़, रम्यकुंड, बीफॉल, डचेज फॉल, अप्सरा विहार और टाइनम पूल।

यहां चालू : महादेव, पांडव गुफा, जटाशंकर, राजेंद्र गिरि, अंबामाई मंदिर, माड़ादेव, चौरागढ़, हांडी खो, प्रियदर्शिनीं।

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