सरिस्का अभयारण्य में शावकों को जन्म देने बाद बाघिन एसटी-2 दूसरी बार रविवार को दिखाई दी। इस बार बाघिन अकेली थी। सरिस्का प्रशासन की ओर से जंगल में लगाए गए कैमरों ने बाघिन एसटी-2 की तस्वीरों को कैद किया। शावकों को जन्म देने के बाद बाघिन ज्यादातर समय जंगल में छुपकर बिता रही है।
सरिस्का अभयारण्य के कोर एरिया में काली घाटी जंगल में शावकों को जन्म देने के बाद बाघिन एसटी-2 की निगरानी बढ़ा दी गई। बाघिन की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए जंगल में जगह-जगह गुप्त कैमरे लगाए गए हैं। कैमरों द्वारा ली गई तस्वीरों की हर दिन जांच की जाती है। सोमवार को वनकर्मियों ने कैमरे के कार्ड की जांच की तो उसमें बाघिन एसटी-2 घूमती नजर आई। कैमरे ने यह फोटो रविवार शाम को ली । फोटो में बाघिन अकेली दिखाई दे रही है। इससे पहले 7 अगस्त की शाम को कैमरे ने ही बाघिन एसटी-2 व उसके एक शावक की फोटो कैद की थी। इस फोटो के जरिए ही सरिस्का में बाघिन के बच्चे देने की पुष्टि हुई थी। 7 अगस्त के बाद 19 अगस्त को बाघिन दिखाई दी है। इन 12 दिनों के दौरान बाघिन के पगमार्क तो मिल रहे थे लेकिन कैमरों में फोटो नहीं आ रही थी।
शावकों को शिकार की दे रही है ट्रेनिंग
सरिस्का डीएफओ सेढूराम यादव का कहना है शावक होने के बाघिन काफी संवेदनशील हो जाती है। ज्यादातर समय शावकों को छुपाकर रखती है। बाघिन खुद भी सिर्फ शिकार के लिए ही बच्चों से अलग होती है। शिकार करने के बाद बच्चों को वह खाना खिलाने के लिए ही बाहर निकालती है।यही कारण है कि जन्म के कई महीनों तक शावकों को बारे में वनकर्मियों को पता नहीं लगता।
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