भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क में मादा सिंह लिली की मौत सांप के काटने से हो गई। इस बात का खुलासा शार्ट पीएम रिपोर्ट से हुआ है। वन विहार प्रबंधन इसे सामान्य मौत मान रहा है। प्रबंधन का कहना है कि लिली ने औसत आयु पूरी कर ली थी। वहीं, वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश के किसी भी चिडिय़ाघर या नेशनल पार्क में सांप के काटने से किसी भी बाघ या सिंह की यह पहली मौत है।
वन विहार के सहायक संचालक डॉ. सुदेश बाघमारे के अनुसार मंगलवार सुबह वन विहार के कर्मचारी डिस्प्ले में बाड़े की ओर गए तो उन्हें लिली कहीं दिखाई नहीं दी। उन्होंने इनक्लोजर में देखा तो वह मृत अवस्था में मिली। लिली का पोस्टमार्टम किया गया तो उसकी शार्ट पीएम रिपोर्ट में मौत का कारण सर्प दंश बताया गया है। वहीं, वन्य प्राणी विशेषज्ञों का कहना है कि वन्य प्राणी सांप के प्रति सजग होते हैं। यहां तक कि जहरीले प्राणियों के नजदीक होने पर वे वर्किंग अलर्ट भी देते हैं। इस तरह की घटना आज तक न तो नेशनल पार्कों और ना ही प्रदेश के किसी भी चिडिय़ा घर में सुनी गई। इस तरह की घटना अनोखी और प्रदेश की पहली घटना है।
विसरा भेजा गया फारेंसिक लैब
बाघमारे ने बताया कि विस्तृत परीक्षण के लिये मादा सिंह के आंतरिक अंगों के सैम्पल आईवीआरआई इज्जत नगर, बरेली, सेंटर फॉर वाइल्ड लाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ, जबलपुर एवं राज्य पशु रोग अन्वेषण प्रयोगशाला, जहांगीराबाद, भोपाल भेजे गए हैं। वहीं पोस्टमार्टम के बाद मादा सिंह का अंतिम संस्कार कर दिया गया।