सवाई माधोपुर. शुक्रवार शाम अचानक बाघ टी 24 के स्वभाव में बदलाव देखा गया। विवेकानंदपुरम कॉलोनी के सामने से होटल झूमर बावड़ी तक के रोड पर इस बाघ ने दो वाहनों की ओर झपटने एवं एक पर्यटक वाहनों के पीछे दौड़कर हमला करने का प्रयास किया। रणथंभौर रोड पर एक शिक्षक की मोटरसाइकिल के पीछे भी दौड़ लगाने की बात सामने आई है।
रणथंभौर में मुंबई के एक पर्यटक को वन भ्रमण कराने के बाद वापस होटल झूमर बावड़ी जाते समय टी 24 ने जिप्सी के पीछे 20 मीटर से भी अधिक दूरी तक तेजी से दौड़ लगाई। जिप्सी चालक निसार अली ने बताया कि वह जिप्सी को झूमर बावड़ी रोड पर लेकर आगे जा रहा था। इसी दौरान ओबेराय होटल के आखिरी कोने के पास अचानक टी 24 उनकी गाड़ी की तरफ लपका। गाड़ी के पीछे 20 मीटर से भी अधिक दूरी तक तेजी से दौड़ा।
इसी प्रकार होटल झूमर बावड़ी पर ठहरे गुडग़ांव निवासी एक पर्यटक आर.के. गुप्ता ने होटल मैनेजमेंट को बताया कि वे स्कार्पियों से होटल से शहर की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान बाघ ने उनकी गाड़ी की तरफ झपट्टा मारा। वे घबरा कर तेजी से वापस होटल आ गए। सवाई माधोपुर निवासी शिक्षक गुड्डू सोनी ने बताया कि रात साढ़े सात बजे के करीब आईओसी प्लांट के पास आईस फैक्ट्री में उनके मित्र से मिलने गए थे। वे फैक्ट्री के गेट पर चौकीदार को आवाज लगा रहे थे। तभी 20 फुट की दूरी पर बाघ फैक्ट्री की दीवार पर दिखाई दिया। 20 मिनट तक बाघ के घुर्राने की आवाज आती रही।
रेंज अधिकारी अरुण शर्मा का कहना है कि हमें इस प्रकार की घटना की सूचना मिली थी। सूचना के बाद से हम सर्च लाइटों से लगातार इस रोड पर बाघ को खोज रहे हैं। हमें अभी कहीं भी बाघ दिखाई नहीं दे रहा है। सड़क के पास सांभर एवं चीतल बैठे दिखाई दे रहे हैं। अगर बाघ इस जगह पर होता तो दूसरे जानवर यहां बैठे नहीं रह सकते। शाम को बाघ इस इलाके में था, लेकिन यह बाघ फायरिंग बट आलनपुर के आसपास था।
सबसे अलग स्वभाव
बाघ परियोजना के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के अनुसार टी 24 के बारे में मिल रही जानकारी के अनुसार यह बाघ अन्य बाघों की तुलना में कई प्रकार से अलग है। यह एक साथ कई किमी चलता है। एक ही रात में 40 से 50 किमी तक चलने की इसकी क्षमता काफी दुर्लभ है। इसी प्रकार दूसरे बाघों के इलाके में बिना किसी भय के इसका घूमना भी बाघों के स्वभाव के विपरीत है। सामान्य रूप से किसी इंसान को अकेला या झुंड में पैदल आता देख बाघ रास्ता छोड़ कर भाग जाते हैं, लेकिन यह बाघ ढीठ होकर सामने आने का प्रयास करता है।
यात्रियों को खतरा
टी 24 का विचरण क्षेत्र 90 किमी से भी अधिक है। इस इलाके में रणथंभौर दुर्ग से गणेशधाम तक जंगल के बीच सड़क भी है। गणेशधाम से पूरा रणथंभौर रोड होते हुए आईओसी प्लांट एवं आलनपुर तक के सड़क मार्ग एवं इसके बाहरी आबादी वाले इलाके पर भी इसका राज है। ऐसे में हजारों लोग रोजाना गणेशधाम से रणथंभौर दुर्ग तक यात्रियों का आना-जाना गत दिवस की घटना के बाद यात्रियों की सुरक्षा एवं बाघ टी 24 द्वारा कोई अनहोनी करने का डर बढ़ गया है। माधोसिंहपुरा, आलनपुर, शहर, विवेकानंदपुरम एवं आसपास की ढाणियों के लोगों की भी चिंता बढ़ गई है।
